Father/Pappa પિતા કાવ્યો...
[20/06, 06:18] +91 81685 62806: *मां वागेश्वरी को नमन* *मंच को नमन* *कविता* *विषय -पिता दिवस* जीवन का मजबूत संबल, घर भर में चलता फिरता अनुशासन , हमारी छोटी सी दुनिया का पोषण, आप है पापा । पेट पर चिंताओं की बंधी पट्टी, मजबूरियों से जूझते , इच्छाओं का दमन करते , आप है पापा । फिजूलखर्ची पर डांटते, मितव्ययिता का सबक सिखाते, घर के हर छोटे-बड़े की इच्छा पूर्ति में डटे , आप है पापा । बिजली के बिल भरते , लाइट खुली छूट जाने पर डांटते , बाहर के खाने की कमियां बताते, आप हैं पापा । चेहरे पर चमक लिए , अपने बचपन के किस्से बताते , बचत की अहमियत सिखाते , आप हैं पापा । कद्दावर से शेर , बात तक करने की हिम्मत नहीं रखते थे सब , अब कमजोर छड़ी के सहारे चलते लेकिन हौसलों से भरे , आप हैं पापा। हर दिन शाम को आपके फोन का इंतजार , और नियत समय पर फोन करके सब का हाल-चाल पूछते , आप हैं पापा । हमारा घूमने के लिए बाहर निकलना, आपका घर के बरामदे में कुर्सी पर बैठे देर रात तक हमारा इंतजार करके, हमारे आने पर सोने वाले , आप हैं पापा । झक सफेद बाल...