શ્લોકો...
[27/07, 06:33] Mayurbhai Vyas Slok: 🌹🙏 *हरी: ऊं*🙏🌹 *स्वभावाद्यस्य नैवार्ति-र्लोकवद् व्यवहारिणः।* *महाहृद इवाक्षोभ्योगतक्लेशः स शोभते॥* जो बड़े सरोवर के समान शांत है और लौकिक आचरण करते हुए जिसको अन्य लोगों के समान दुःख नहीं होता, वह दुःख रहित ज्ञानी शोभित होता है ॥ He who by his very nature feels no unhappiness in his daily life like worldly people, remains undisturbed like a great lake, all sorrow gone . 🙏 सुप्रभातम्🙏 🙏 *आपका दिन मंगलमय हो*🙏♏♈ [28/07, 07:05] Mayurbhai Vyas Slok: 🌹🙏 *हरी: ऊं*🙏🌹 *निवृत्तिरपि मूढस्यप्रवृत्ति रुपजायते।* *प्रवृत्तिरपि धीरस्यनिवृत्तिफलभागिनी॥* मूढ़ में निवृत्ति से भी प्रवृत्ति उत्पन्न हो जाती है और धीर पुरुष की प्रवृत्ति भी निर्वृत्ति के समान फलदायिनी है ॥ Even abstention from action leads to action in a fool, while even the action of the wise man brings the fruits of inaction . 🙏 सुप्रभातम्🙏 🙏 *आपका दिन मंगलमय हो*🙏♏♈ [29/07, 07:12] Mayurbhai Vyas Slok: 🌹🙏 *हरी: ऊं*🙏🌹 *परिग्रहेषु वैराग्यंप्रायो मूढस्य दृश्यते।* *देहे विगलित...