RSS का इतिहास...

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*RSS का FULL FORM क्या होता है ?*

*RSS कैसे बना ? क्यों बना ? कब बना ?*

*RSS के गठन का मुख़्य उद्देश्य क्या थी ?*

*क्या यह हिन्दुओं का संगठन है या ब्राह्मणों का ?*

*इस संगठन का मुखिया चित्तपावन ब्राह्मण ही क्यों होता है ?*


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#Racial_Secret_Service( RSS )

प्रजातीय रहस्यमय क्रम-व्यवस्था

🐍 RSS का असली नाम रेसियल सीक्रेट सर्विस है | राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नहीं |

🐍 RSS की  स्थापना इजराइली यहुदी मूल के चितपावन ब्राह्मणों नी की है |

🐍 RSS में ज्यादातर सरसंघचालक चितपावन ब्राह्मण ही होते आए हैं | रिसर्च के अनुसार इन ब्राह्मणों का DNA 99.90% बेने इज़राइली यहूदियों से मिलता है |

🐍 RSS आज भी अमेरिका की आतंकवादी लीस्ट में शामिल है |

🐍 RSS ने अपने कार्यालय पर तिरंगा झंडा लहराना 52 वर्षो के बाद शुरु किया है, इसका असली नाम रेसियल सीक्रेट सर्विस था | 

🐍 RSS का आज़ादी के आंदोलन से कोई सरोकार नहीं है । 

🐍 RSS ने देश जब 15 अगस्त को आजाद हुआ तब इसने स्वाधीनता दिवस मनाने से इंकार किया था और 1947 से लेकर 2002 तक नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा कभी नहीं फहराया। 

🐍  RSS ने वर्ष 2002 के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद तिरंगा फहराया। 

🐍 RSS पर सरदार पटेल ने प्रतिबन्ध (बैन) इसीलिए लगाया था, क्योंकि बैन हटाने के लिए उसने जो हलफनामा दिया था उसमे निम्नलिखित मुख्य बातें थी :-- 

1) RSS भारत के संविधान को मानेगा, जिसको वो नहीं मानता था और आज भी नहीं मानता है | इसीलिए स्वयं सेवक गैर संवैधानिक बयान देते रहते हैं |

2) RSS संविधान में निहित राष्ट्रीय प्रतीकों का विरोध नहीं करेगा, जिसके वो हमेंशा खिलाफ रहा और आज भी है |

3) RSS कभी भी राजनीति में नहीं आएगा, परंतु आज वो सरकार में है । 

🐍 RSS कुल मिलाकर देशद्रोही संस्था है जो तब भी थी और आज भी देश का सामाजिक ताना बाना बिखेरना चाहती है। 

🐍 RSS वाला देशभक्ति की बात करे, तो उसे कहिए  *"केस नंबर 176, नागपुर, 2001"* वह शर्म से सिर झुका लेगा | हां, यह तभी होगा अगर उनमें लाज बची हो | सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट और संविधान विशेषज्ञ नितिन मेश्राम की हजारों किताबों की शानदार लाइब्रेरी में इस केस का जजमेंट रखा है |

🐍 RSS के नागपुर हेडक्वार्टर में 26 जनवरी 2001 को तीन युवक पहुंचे, उनके पास भारत का राष्ट्रीय ध्वज था | वे उस बिल्डिंग पर पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते थे | वहां मौजूद RSS के बड़े नेताओं ने ऐसा नहीं करने दिया और पुलिस केस कर दिया | उनकी सरकार थी, पुलिस ने झंडा जब्त कर लिया | आखिरकार कोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया | सबसे बड़ी बात.... आदेश में दर्ज है कि झंडे को पूरी मर्यादा के साथ हिफाजत में रखा जाए | 

🐍 RSS इस घटना की शर्म की वजह से अब कहीं कहीं राष्ट्रीय झंडा फहराना शुरू कर दिया है।

🐍 RSS विश्व का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है, यह हम OBC, SC, ST, MINORITY तथा अन्य गैर मनुवादी भारतीय भाई -बहनों को आर्थिक + सामाजिक +मानसिक और यहाँ तक की शारीरिक तौर से गुलाम बनाना चाहता है !

🐍 RSS का मकसद भगवान बुद्ध, सम्राट अशोक, ज्योतिबा फूले, पेरियार ई. वी. रामासामी नायकर, ललई सिंह यादव, संत कबीरसाहेब,  गुरुनानक, गुरुरविदास, छत्रपति शिवाजी, नारायण गुरु, सावित्री बाई फुले, शाहूजी महाराज, डॉ बाबा साहेब आंबेडकर तथा अन्य बहुजन महापुरुषों के संघर्षो को नेस्तनाबूत करना है । 

🐍 RSS संगठन भारत के संविधान को बदल कर अपनी मनुस्मृति की विचारधारा हम भारतीयों पर लागू करके सिर्फ और सिर्फ अपना मनुवादी राज्य निर्मित करना चाहता है |

🐍 RSS हमेशा चुनावों के पहले हिंदु-मुसलमान, मंदीर-मस्जिद, गौमाता के नाम पर देश के एससी, एसटी, ओबीसी को हिन्दु बनाकर मुसलमानों के खिलाफ साम्प्रदायिक दंगा करवाता है।

🐍 9 अगस्त 2018 को RSS के लोगों ने ही भारत का संविधान को जलाया और बाबासाहेब आम्बेड़कर को अपमान किया।

🐍 भारत में जो भी बॉम्ब ब्लास्ट हुए सभी

RSS के द्वारा किया गया।

🐍 RSS ऐसा संगठन है जो पुश्यमित्र शुंग की

तरह भारत को अस्थिर व लोगों में भय पैदा करके अपना मनुव्यवस्था कायम करना चाहता है।

🐍 आज का बीजेपी सरकार RSS के एजेंडों

"The bunch of thought" पर काम कर रही है।

🐍 एजेंड़ो के अनुसार- मोवलिंचीग, दलित उत्पीडन, मुस्लिम उत्पीडन, नारी अत्याचार, आदिवासी उत्पीडन, पिछड़ों का बजट शून्य, आरक्षण शून्य आदि उत्पन्न कर दी है।


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Q. क्या RSS मूल भारतीयों (Sc/St/Obc/Dt.Nt/RMs) के लिए कभी अच्छा हो सकता है ?

[8/2, 8:14 PM] *भारत की 85% जनसंख्या   एससी/एसटी /ओबीसी प्रत्येक को यह संदेश पढ़ना जरूरी है । सिर्फ एक बार जरूर पढ़ें संदेश जरूरत से ज्यादा बड़ा है इसलिए क्षमा करें।*

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*जानिए संविधान लिखे जाने से पहले संविधान और संवैधानिक अधिकारों के लिए तत्कालीन राजनेताओं की जहरीली सोच....*


*1. लोकमान्य तिलक* : "ये तेली, तंबोली, कुर्मी,नाभिक,साळी,माळी, कुम्हार,बंजारा,चांभार,संसद में जाकर क्या हल चलाएंगे।"


*2.महात्मा गांधी* : "अगर अंग्रेज शूद्रों को भी आजादी देते हैं, तो मुझे ऐसी आजादी नहीं चाहिए, मैं शूद्रों को आजादी देने के पक्ष में नहीं हूँ।"


*3. महात्मा गांधी* : "मैं शूद्रों को पृथक आरक्षण देने का विरोध करता हूँ।"


*4. सरदार पटेल* : "डॉ अंबेडकर के लिए संविधान सभा के दरवाजें ही नहीं, खिड़कियाँ भी बंद कर दी है, देखता हूँ, डॉ अंबेडकर कैसे संविधान सभा में आता है।"


*5. आरएसएस* : "डॉ अंबेडकर साहब के द्वारा भारत का संविधान लिखने के बाद संविधान को लागू नहीं करवाने के लिए डॉ अंबेडकर साहब के पूरे देश में पुतलें जलाये गये।"


*इसीलिए संविधान की महत्ता और ज्यादा हो जाती है कि इतने दिग्गजों के विरोध के बावजूद बाबा साहब डॉ अंबेडकर साहब ने अपनी योग्यता और सूझभुज से देश का ऐसा संविधान लिखा जिसे मानना सबके लिए जरूरी हो गया...*


*भारत का गणतंत्र- मतलब--जनता का, जनता के लिए और जनता के द्वारा शासन....* अर्थात गणतंत्र अर्थात प्रजातंत्र अर्थात लोकतंत्र अर्थात जनतंत्र में जहाँ देश की जनता ही सर्वोपरि है....


महत्व : *गणतंत्र के सम्पूर्ण संचालन में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करना....*


संविधान : *देश को संचालित करने का लिखित विधान जिसमें सब नागरिक बिना स्थान, जाति, धर्म, लिंग, भेद के समान भागीदार हों....*


इसी क्रम में संविधान लागू करने और मानने की उपयोगिता देश और प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक हो जाती है....


संविधान, संविधान-सभा की उप-समिति 


*प्रारूप समिति के अध्यक्ष भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर साहब की अध्यक्षता* में या कटु सच्चाई कहे तो एकमात्र बाबा साहब डॉ अंबेडकर साहब द्वारा 29 अगस्त, 1947 से 26 नवंबर, 1949 की अल्पकालीन समयावधि में लिपिबद्ध किया गया जिसे संविधान-सभा द्वारा 26 नवंबर, 1949 को अंगीकार करके 26 जनवरी, 1950 को समता, समानता, न्याय और बंधुता की अखंड भावना के अंतर्निहित देश में लागू किया गया जिसकी महान स्मृति में प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस देशभर में मनाया जाता है....


*संविधान को मानने के अनेकों-अनेकों कारण हैं जिनमें से कुछ पर संक्षिप्त में प्रकाश डाला जा रहा है :-*


*1.* संविधान की दृष्टि में भारत का प्रत्येक नागरिक समान है ।


*2.* नागरिकों में संवैधानिक रूप से किसी प्रकार का स्थान, जाति, धर्म, लिंग के आधार पर विभेद नहीं किया गया है ।


*3.* संविधान के अंतर्गत राष्ट्र को सर्वोपरि माना गया है ।


*4.* सभी जाति-धर्म के लोगों की बिना भेदभाव के संपूर्ण विकास की परिकल्पना की गई है ।

*5.* राष्ट्र के विकास की मुख्यधारा में सभी नागरिकों की भूमिका निहित की गई है ।

*6.* सामाजिक आधार पर शोषित, वंचित, बहिष्कृत, पीड़ित वर्ग को भी राष्ट्र की विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विशेषाधिकार प्रतिपादित किए गए हैं ।

*7.* महिलाओं को लिंगभेद और जातिभेद से मुक्ति दिलाकर उनके लिए राष्ट्र के विकास की मुख्यधारा में समानांतर भूमिका का प्रतिपादन किया गया है ।

*8.* महिलाओं को पिता और पति की सम्पत्ति का भागीदार बनाया गया है।

*9.* महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश और विशेषाधिकारों की व्यवस्था की गई है ।

*10.* नागरिकों के लिए शिक्षा और सुविधा के साथ-साथ रोजगार देने की सुविधा भी प्रतिपादित की गई है ।

*11.* नागरिकों को अपनी पसंद का जनप्रतिनिधि चुनने का मताधिकार दिया गया है ।

*12.* बिना भेदभाव के योग्यता के आधार पर उच्चतम चयन की प्रक्रिया प्रतिपादित की गई है।

*13.* बिना भेदभाव के उच्चतम पद तक चुनाव की प्रणाली प्रतिपादित की गई है ।

*14.* समतामूलक समाज की परिकल्पना को समाहित किया गया है।

*15.* विधि के समक्ष सभी नागरिकों को समानांतर माना गया है।

*16.* स्वतंत्र चुनाव आयोग की स्थापना की गई है।

*17.* स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना की गई है ।

*18.* भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना की गई है ।

*19.* देश की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा की संरचना का निर्माण किया गया है ।

*20.* नागरिकों को मौलिक अधिकारों सहित नीति-निर्देशक नियम प्रदत्त किये गए हैं ।

*21.* धार्मिक उपाधियों का अंत करके धार्मिक गुलामी से आजादी दिलाई गई हैं ।

*22.* देश का मूल और ऐतिहासिक नाम *"भारत"* रखकर सभी जाति-धर्मों में देश के प्रति राष्ट्रीय भावना का संचार किया गया है ।

*23.* राष्ट्र के नाम के परिवर्तन का अधिकार संसद को भी नहीं दिया गया है ताकि कभी कोई साम्प्रदायिक सरकार भी देश के नाम को परिवर्तन नहीं कर सके ।

*24.* धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की संकल्पना के तहत किसी भी धर्म को संविधान में दखल करने का अधिकार नहीं है ।

ये वो कुछ खूबियाँ संविधान की हैंं जिनको हमें जानना हैं....

*आजकल संविधान व जाति-धर्म के विरोध में राजनेताओं द्वारा बहुत कुछ कहा जा रहा है तो हमें यह भी जानना जरूरी है कि किसने क्या कहा....*

*1.प्रधानमंत्री मोदी जी* : "दलित मंदबुद्धि होते हैं।"

*2. संघप्रमुख मोहनभागवत* : आरक्षण जाति आधारित नहीं होना चाहिए, अतः आरक्षण की समीक्षा की जाएं।

*3. केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह* : "दलित कुत्ते होते हैं।"

*4. भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी* : "हम यानि भाजपा आरक्षण को निर्रथक कर देंगे।"

*5. केंद्रीय मंत्री अनंतकुमार हेगड़े* : "हम यानि भाजपा सत्ता में संविधान बदलने आये हैं।"

*6. केन्द्रीय मंत्री अनंतकुमार हेगड़े* : "व्यक्ति की पहचान जाति से होनी चाहिए।"

*7. धर्मगुरु स्वरूपानंद सरस्वती* : "हम संविधान को नहीं मानते हैं।"

*यह क्यों कहा गया, यह जानना भी जरूरी है....*

*1.* संविधान के पहले जो जातियां धार्मिक गुलाम थी, वे संवैधानिक अधिकारों को पाकर सक्षम होने लगी हैं जिनकी उन्नति और प्रगति धर्म के ठेकेदारों को हजम नहीं हो रही हैं।

*2.* संवैधानिक अधिकारों की बदौलत अशिक्षित वर्ग शिक्षित होकर इनका प्रतिभागी बन गया है।

*3.* संविधान प्रदत्त अधिकारों से बहिष्कृत वर्ग अपने अधिकारों को पाने के लिए संघर्ष करने लग गया है।

*4.* संवैधानिक अधिकारों से जागरूक होकर गुलाम वर्ग शासक बनने की ओर अग्रसर हो रहा है ।

*5.* अधिकारसंपन्न होकर पिछड़ी जातियां शारीरिक आत्मरक्षा करने में सक्षम हो रही हैं ।

*6.* इन्हें कमजोर करने के षड़यंत्र और साजिश के तहत आजकल अनर्गल बयानबाजी करके भारत के बहुजन मूलनिवासियों के विरूद्ध साम्प्रदायिक और जातीय भेदभाव के माहौल का निर्माण किया जा रहा है।

*"आपकी सावधानी और जागरूकता ही समाज को वापिस गुलाम होने से बचा सकती है :-"*

*1.* मनुवादी ताकतों ने स्पष्ट इशारा कर दिया है कि वो वापस से भारत के मूलनिवासियों अर्थात SC-ST-OBC को गुलाम बनाने की तैयारी कर रहे हैं जिससे हमें सावधान रहना है।

*2.* हमारे बच्चों को मनुवादी संगठनों से दूर करके हमारे महापुरुषों के इतिहास को उन्हें बताना चाहिए।

*3.* बच्चों को संविधान की जानकारी देनी चाहिए।

*4.* कम खा लेना, परंतु बच्चों को जरूर शिक्षित करना।

*5.* संविधान और आरक्षण के विरोधियों को तुरंत जवाब देना होगा।

*6.* मनुवादियों के किसी भी संगठन पर विश्वास मत करना क्योंकि मनुवादी धर्म के नाम आपको भ्रमित करके आपसे ही आपके संवैधानिक अधिकारों का विरोध करवाने की साजिश रच सकते हैं ।

*7.* कोई कितना भी समझाए, यह मान लेना कि हम बाबा साहब डॉ अंबेडकर साहब से ज्यादा बुद्धिमान नहीं हो सकते हैं ।

*8.* बाबा साहब डॉ अंबेडकर साहब ने जोकुछ किया है, वो बहुत सोच-समझकर किया है अर्थात बाबा साहब डॉ अंबेडकर साहब गलत नहीं हो सकते हैं।

*9.* भले चाहे जितनी बड़ी कुर्बानी देनी पड़े, संविधान खत्म मत होने देना ।

*10.* संविधान बचा रहेगा तो SC-ST-OBC का अस्तित्व भी बचा रहेगा, अन्यथा जिस दिन संविधान खत्म होगा, आप उसी दिन से वापस गुलाम हो जाएंगे-

आप ने इसे पढ़ने के लिए समय दिया उसका बहुत बहुत धन्यवाद । अब एक एहसान और करदो  इस संदेश को अन्य 10-20  साथियों में और भेज दो। बस यही तरीका है अपने साथियों को जागरूक करने का ।

 

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