हिन्दी दिन पर कविता....

हे मेरी हमारी प्यारी प्यारी हिन्दी
तुं है भारत माॅकी माथेकी चमकती बिन्दी ...2

तुझसे ही है हमारा युग युग पूराना नाता
तुझसे ही हमारी गौरवगाथा हम रहै है गाता...2

तुं है गंगा, तुं नर्मदा, तुं कावेरी और कालिन्दी
तुं है भारतमाॅकी माथेकी चमकती बिन्दी...1

तुझसेही हमने पढना शिखा, चढना शिखा
तुझसेही हमने दुनियामें ज्ञानका दरवाजा देखा...2

हम है आशिक तेरे नामके, तेरे है हम बन्दी
तुं है भारतमाॅकी माथेकी चमकती बिन्दी...1

तुं फैलाती संप एकता सारे हिन्दुस्तानमें
तुं फैलाती ज्ञानकी गंगा हर विध्यालयके मकानमें...2

तुं है तो रखी मैने हर भाषा पर पाबन्दी
तुं है भारतमाॅकी माथेकी चमकती बिन्दी...1


रचयिता :
जयंतीभाई परमार
एम. एम. एन्ड सन्स हाईस्कूल,
चीखोदरा.

10.9.2018

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